उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को सिंचाई की बढ़ती लागत से राहत देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए “सोलर पंप सब्सिडी योजना” की शुरुआत की है। यह योजना प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) के अंतर्गत लागू की जा रही है। इसके तहत छोटे किसानों को 90% और बड़े किसानों को 80% तक की सब्सिडी दी जाएगी। अब किसान मात्र 10% या 20% लागत पर सोलर पंप लगवाकर अपनी खेती की लागत को काफी हद तक घटा सकेंगे।
सब्सिडी की राशि अब सीधे किसानों के बैंक खाते में जाएगी
योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि किसानों को मिलने वाली सब्सिडी सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। पहले किसानों को कुल लागत का लगभग 40% अग्रिम भुगतान करना पड़ता था, लेकिन नई व्यवस्था में छोटे किसानों को सिर्फ 10% और बड़े किसानों को 20% राशि ही देनी होगी। बाकी खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इस बदलाव से किसानों की आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक असर पड़ेगा और वे कम पूंजी में आधुनिक सिंचाई तकनीक अपना सकेंगे।
सौर ऊर्जा से घटेगा सिंचाई खर्च, बढ़ेगी किसानों की आमदनी
इस योजना से किसानों की सिंचाई लागत में भारी कमी आएगी और उन्हें डीजल व बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सोलर पंप से खेतों की सिंचाई न केवल किफायती होगी, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी रहेगी। इससे प्रदूषण कम होगा, ऊर्जा की बचत होगी और किसानों की आमदनी में लगातार वृद्धि होगी। यह कदम राज्य को “ग्रीन एनर्जी” की दिशा में एक बड़ा योगदान देगा।
सोलर पंप की लागत में भारी कटौती, किसानों को देना होगा कम हिस्सा
राज्य सरकार की ओर से दो हॉर्स पावर से लेकर दस हॉर्स पावर तक के सोलर पंपों पर सब्सिडी दी जा रही है। उदाहरण के तौर पर, दो हॉर्स पावर के सोलर पंप की कुल लागत ₹1.80 लाख होने पर छोटे किसान को सिर्फ ₹18,000 ही चुकाने होंगे। वहीं, पांच हॉर्स पावर के पंप की कीमत ₹4.80 लाख तक होने पर किसान को मात्र ₹48,000 देने होंगे। बाकी राशि राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में वहन करेगी। यह किसानों के लिए खेती में निवेश का भार कम करने वाला ऐतिहासिक कदम है।
पारदर्शी और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से मिलेगा योजना का लाभ
योजना में आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है। किसानों को उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन करने से पहले खेत में बोरिंग कराना अनिवार्य है। योजना के लिए चयन प्रक्रिया “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर होगी और पात्र किसानों का चयन पारदर्शी लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा। इससे भ्रष्टाचार की संभावना खत्म होगी और योग्य किसानों को समय पर लाभ मिलेगा।
आवेदन से पहले जानें जरूरी दिशा-निर्देश और दस्तावेज
किसान आवेदन करने से पहले कृषि विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध दिशा-निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। वहां पात्रता शर्तें, सोलर पंप की श्रेणियां, लागत, सब्सिडी दरें और आवश्यक दस्तावेजों से संबंधित सभी जानकारी विस्तार से दी गई है। योजना का लाभ सीमित किसानों को ही दिया जाएगा, इसलिए इच्छुक किसान समय पर अपना आवेदन पूरा करें ताकि वे इस लाभ से वंचित न रह जाएं।
90% सब्सिडी दर जल्द लागू होगी, किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
फिलहाल योजना के तहत किसानों को 60% तक की सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि, जैसे ही राज्य कैबिनेट से प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी मिलेगी, नई दरें लागू हो जाएंगी और किसानों को 90% तक की सब्सिडी सीधे प्रदान की जाएगी। सरकार ने साफ किया है कि मंजूरी मिलते ही यह व्यवस्था स्वतः प्रभावी होगी और किसानों को इसके लिए किसी अतिरिक्त प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।
आत्मनिर्भर किसान के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश की “सोलर पंप सब्सिडी योजना” राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। यह योजना खेती को अधिक लाभदायक और टिकाऊ बनाने में मदद करेगी। किसानों की आय बढ़ेगी, बिजली की बचत होगी और राज्य “ग्रीन एनर्जी मिशन” में अग्रणी भूमिका निभाएगा। यह पहल न केवल वर्तमान किसानों बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्थायी समाधान साबित होगी।