भारत सरकार ने वर्ष 2025 में शहरी गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराना है, जो लंबे समय से किराए पर रहने को मजबूर थे या जिनके पास अपनी जमीन और स्थायी आमदनी का कोई स्रोत नहीं है। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि देश का कोई भी नागरिक केवल संसाधनों की कमी के कारण बेघर न रहे।
2029 तक एक करोड़ घर बनाने का लक्ष्य
इस योजना को वर्ष 2024 से 2029 तक लागू किया गया है और केंद्र सरकार का लक्ष्य शहरी भारत में एक करोड़ नए पक्के घरों का निर्माण करना है। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है ताकि हर पात्र परिवार तक समय पर लाभ पहुंच सके। खास बात यह है कि इस बार उन परिवारों को प्राथमिकता दी जा रही है, जो पहले चरण में योजना से वंचित रह गए थे।
पात्रता की सख्त शर्तें
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलेगा जिनके पास शहरी क्षेत्र में अपना पक्का घर नहीं है। आवेदक की नियमित मासिक आय नहीं होनी चाहिए और उसने पहले किसी भी सरकारी हाउसिंग योजना का लाभ नहीं लिया होना चाहिए। इन सख्त शर्तों के जरिए सरकार सुनिश्चित कर रही है कि योजना का लाभ वास्तव में जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचे।
₹2.5 लाख तक की वित्तीय सहायता
योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को घर बनाने के लिए ₹2.50 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि DBT प्रणाली से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में किश्तों में भेजी जाएगी। प्रत्येक चरण की प्रगति के बाद अगली किश्त जारी की जाती है, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहती है।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
पात्रता की पुष्टि के लिए आवेदकों को कुछ दस्तावेज जमा करने होंगे। इसमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, आय और निवास प्रमाण पत्र, समग्र ID और सक्रिय मोबाइल नंबर शामिल हैं। सभी दस्तावेजों की जांच के बाद ही लाभार्थी को योजना का फायदा मिलता है।
पूरी तरह डिजिटल आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 की आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी गई है। इच्छुक आवेदक को आधिकारिक वेबसाइट pmayg.gov.in पर जाकर “Citizen Assessment” विकल्प चुनना होगा। इसके बाद आधार नंबर दर्ज कर OTP से सत्यापन करना होगा। फिर सभी जरूरी विवरण भरने के बाद आवेदन की प्रिंट कॉपी और दस्तावेज नजदीकी CSC केंद्र पर जमा करनी होगी।
होम लोन पर ब्याज सब्सिडी
इस योजना के अंतर्गत जो लाभार्थी घर निर्माण के लिए बैंक से लोन लेना चाहते हैं, उन्हें सरकार की ओर से ब्याज सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी सीधे बैंक को दी जाती है ताकि लाभार्थी को EMI का बोझ कम हो सके। सब्सिडी की दर लाभार्थी की आय श्रेणी के आधार पर तय की जाती है, जिससे योजना गरीबों के साथ-साथ मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है।
सहायता राशि की समयसीमा और निगरानी
आवेदन करने के बाद दस्तावेजों की जांच औसतन 30 दिनों में पूरी कर दी जाती है। यदि सभी कागजात सही पाए गए तो लाभार्थी के खाते में ₹2.5 लाख तक की राशि किश्तों में ट्रांसफर कर दी जाती है। इसके बाद मकान निर्माण शुरू किया जा सकता है। पूरी प्रक्रिया की निगरानी सरकार द्वारा की जाती है ताकि पारदर्शिता और समयबद्धता बनी रहे।
नए घरों पर होगा सरकारी लोगो अनिवार्य
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत बनने वाले हर नए घर पर योजना का आधिकारिक लोगो लगाना अनिवार्य किया गया है। यह लोगो योजना की पारदर्शिता और सरकारी भागीदारी का प्रतीक है। साथ ही इससे जनता में योजना की पहचान और जागरूकता भी बढ़ती है।